10 ग़लतियाँ जिनसे हर एंटरप्रेन्योर को बचना चाहिए


एक एंटरप्रेन्योर होना चुनौतीपूर्ण भी होता है और रोमांचक भी। बिज़नेस से जुड़े फ़ैसले कभी सही होते हैं तो कभी ग़लत।आप अपने सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, समय-समय पर ग़लतियाँ करेंगे, ख़ासकर जब आप पहली बार कोई व्यवसाय चला रहे हों। पर ज़रूरी यह हैं की आप उनसे महत्वपूर्ण सबक सीखें। 

हालाँकि, 77,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और 7.9 मिलियन से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के साथ भारत जैसे फलते-फूलते बाज़ार में, बहुत सारी ग़लतियाँ आपके बिज़नेस के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। गलत निर्णयों से बचने की कुंजी बस यह है कि आप सीखते रहें और ग़लतियों को न दोहराएं।

आज हम आपके लिए कुछ सबसे आम बिजनेस से जुड़ी ग़लतियों की एक सूची लेकर आए हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।

बिज़नेस प्लान योजना तैयार नहीं करना

एक बिज़नेस प्लान किसी कंपनी को अपने लक्ष्यों को परिभाषित करने और प्राप्त करने में मदद करती है। इसके बिना, इस बात की काफ़ी संभावना है कि आप अपनी कंपनी के उद्देश्यों की रूपरेखा तैयार नहीं कर पाएंगे और न ही उन्हें हासिल करने के लिए कोई योजना विकसित कर पाएंगे। व्यवसाय योजना की अनुपस्थिति अलग-अलग डिपार्टमेंट जैसे फ़ाईनेंस, मार्केटिंग, ऑपरेशन्स आदि के बीच मेल जोल की कमी का कारण बन सकती है।

अपने ग्राहकों और बाज़ार की ज़रूरतों को ठीक से न समझना 

यह बिज़नेस मालिकों द्वारा की जाने वाली सबसे आम ग़लतियों में से एक है। बाज़ार या ग्राहकों को समझने के लिए समय निकाले बिना आप कभी भी सही उत्पाद (प्रोडक्ट) या सेवा (सर्विस) का निर्माण नहीं कर सकते। यह जानने के लिए कि क्या आप सही रास्ते पर हैं, आपको लगातार वर्तमान या संभावित ग्राहकों से फ़ीडबैक लेना चाहिए। 

क़ानूनी जानकारी से अनजान रहना 

व्यवसाय शुरू करने या चलाने के बारे में क़ानूनी आवश्यकताओं को समझना महत्वपूर्ण है। क़ानूनी जानकारी की कमी से आपकी कंपनी का बहुमूल्य समय और पैसा ख़र्च हो सकता है। कुछ सबसे आम क़ानूनी ग़लतियाँ जो उद्यमी कर सकते हैं, उनमें शामिल हैं – अपने व्यवसाय का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन नहीं करना, कॉन्ट्रैक्ट या एग्रीमेंट को ठीक से नहीं पढ़ना, ग़लत कंपनियों के साथ साझेदारी करना और अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) की सुरक्षा नहीं करना।

निवेशकों के बारे में कम रिसर्च या रिसर्च न करना 

अपने निवेशकों को जल्दबाज़ी में न चुनें।ऐसे निवेशकों के साथ जुड़ें जिनके पास कई फाउंडर्स को सक्षम बनाने का ठोस ट्रैक रिकॉर्ड हो। उन निवेशकों के साथ काम करने से बचें जो आपके जैसी सोच नहीं रखते या जिनके साथ आपको लगता है कि भविष्य में मतभेद हो सकता है। इसके अतिरिक्त, केवल तभी निवेश का विकल्प चुनें जब आपको उसकी आवश्यकता सही में हो। 

कैपिटल से जुड़ी ज़रूरतों की अनदेखी

कभी भी कैपिटल मैनेजमेंट को बैक ऑफिस का काम समझने की ग़लती न करें। अगर आप अपनी कम्पनी के पैसों और अन्य एसेट को सही से इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपके व्यवसाय के प्रदर्शन और दृष्टिकोण पर इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। यदि आप कंपनी की पैसे की आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं देते हैं तो आप अपनी कंपनी की लागतों, नकदी प्रवाह (कॅश फ्लो), चालानों, संपत्तियों और देनदारियों, करों आदि का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं होंगे।

धन बर्बाद करना

स्टार्टअप और SME अपने नकदी प्रवाह के साथ कभी ग़ैर-ज़िम्मेदार नहीं हो सकते। यदि आप अपने खर्चों के प्रति लापरवाही बरतते हैं तो इस से आपको कई परेशानियों का सामना करना पद सकता है जैसे की – नए लोगों को काम पे न रख पाना, सामान की स्टोरेज मैनेज करना, ठीक से मार्केटिंग न कर पाना, आदि।  

बहुत जल्द लॉन्च और विस्तार करना

कारोबार शुरू करने में जल्दबाज़ी न करें। अपने बिज़नेस आईडिया को जीवंत करने के लिए आपको गहन मार्केट रिसर्च करनी चाहिए। भले ही आपके पास बहुत बढ़िया बिज़नेस आईडिया हो लेकिन सही योजना के बिना यह शायद सफल न हो पाए। इसी तरह, यदि आप यह जल्दबाज़ी में अपने बिज़नेस का विस्तार करते हैं तो आपकी कंपनी को नुक्सान पहुँच सकता है।      

प्रतियोगियों की अनदेखी करना

चाहे आप किसी भी बिज़नेस क्षेत्र में काम करते हों, हमेशा आपका कम से कम एक प्रतियोगी ज़रूर होगा। जो कंपनियां  अपनी कम्पीटीशन के बारे में रिसर्च नहीं करतीं, उनके असफल होने की संभावना उन कंपनियों की तुलना में अधिक होती है जो ऐसा करतीं हैं। बाज़ार का सही से विश्लेषण करें, पता करें कि आपके प्रतियोगी कौन हैं। उस हिसाब से अपनी रणनीति तैयार करें और उस पर अमल करें।

360-डिग्री मार्केटिंग योजना नहीं बनाना

अपने बिज़नेस की सफलता सुनिश्चित करने में मार्केटिंग, जनसंपर्क (PR) और सोशल मीडिया की भूमिका को कभी कम मत समझिए। यदि आप उनके महत्व को अनदेखा करते हैं, तो मौजूदा ग्राहकों को जोड़ के रखना मुश्किल हो सकता हैं और साथ ही नए ग्राहक प्राप्त करने में आपको परेशानी आ सकती हैं। पीआर और सोशल मीडिया ग्राहकों, सरकारी हितधारकों और इन्फ्लुएंसर्स के साथ अच्छे संबंध सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

नेटवर्किंग को महत्त्व न देना

किसी व्यवसाय के विस्तार के लिए नेटवर्किंग सबसे पुरानी तरक़ीब है। डिजिटल युग में भी, नेटवर्किंग को ज़रूरी मन जाता हैं, खासकर भारत में जहाँ वीडियो या मैसेज के बजाये आपस में मिलके बिज़नेस की बात करना आज भी आम हैं। नेटवर्किंग के माध्यम से आप अनुभवी पेशेवरों और समकालीनों से उत्पाद, रणनीति, धन जुटाने, व्यवसाय विकास आदि के बारे में परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप नए लीड और साझेदारी के अवसर भी खोज सकते हैं।

प्रतीक जोशी

प्रतीक जोशी

कॉन्टेंट एवं सोशल मीडिया मैनेजर

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